Sunday, May 7, 2023

वार्षिक योजना बैठक -- दिल्ली प्रान्त

                                 वार्षिक योजना बैठक

                             दिल्ली प्रान्त


चंद्रशेखर भाई साहब(राष्ट्रीय संगठन मंत्री) ने कहा कि- 

वार्षिक योजना क्यो बनानी चाहिए?

भारत माता को परम वैभव तक पहुचाना है और दिव्यांगों के सर्वांगीण विकास की जो बात कही गई है, क्या वो दोनों बाते एक ही है या फिर अलग अलग है? कौन लोग बताएंगे?

         चंद्रवीर भाई साहब ने बताया कि सेवित भी सेवक बन जाए, ऐसा कह सकते हैं। 

वार्षिक योजना अगर ठीक बनाते हैं तो फ़ॉलोऑप लेना आसान होता है, जो योजना बनती है उसे लागू करना आसान होता हैं।

सक्षम का पूरा नाम क्या है? इसे कोई बता सकता है क्या?

समदृष्टि का मतलब समान भाव से देखना, क्षमता का मतलब है कि जिस दिव्यांग के पास जो क्षमता है उसे विकसित करना और अनुसंधान के साथ, मंडल का अर्थ है सामुहिक रूप से कार्य करना, नागपुर में मंडल शब्द का चलन ज्यादा है इसलिए मंडल है

सक्षम की स्थापना कब हुई कोई बता सकता है क्या?

 20 जून 2008 को नागपुर में हुई।

हम राष्ट्रीय दृष्टिकोण से कार्य करते हैं, इसकी क्या विशेषता है? कोई बता सकते है क्या?

राष्ट्रीय का अर्थ है कि कोई कार्य, व्यक्तिगत भाव से नही करना है, बल्कि राष्ट्रीय भावना से कार्य करेंगे। कुछ चाहत का भाव रख कर कार्य नही करना है। 

बुद्ध पूर्णिमा का संदर्भ देते हुए भाई साहब ने बताया कि एक बार भगवान बुद्ध रास्ते मे चलते हुए चींटियों पर पैर रखने से बचते हुए पैर रखा तो उनके शिष्य आनंद ने पूछा कि क्या आप अभी भी पाप पुण्य से बचते हैं क्या? तो बुध्द जी ने बोला कि इसमें में भी मेरा ही आत्मा का भाव है इसलिए बचा न कि पाप पुण्य से। 

दूसरा उदाहरण स्वामी विवेकानंद जी के भाइयों और बहनों का ज़िक्र करते हुए बताये की इस तरह की अपनेपन की भाव रखना है। किसी भी दिव्यांग में भेदभाव की भावना नही रखना है। सेरेब्रल पाल्सी और ऑटिज्म एक उभरती हुई बहुत बड़ी अंतरराष्ट्रीय समस्या है।

इसके अतिरिक्त सक्षम के 6 महत्वपूर्ण कार्यक्रम हैं, उसे कोई बताये?

प्रथम कार्यक्रम- सूरदास जयंती है, इस दिन किसी दिव्यांग को सम्मानित करते हैं

दूसरा कार्यक्रम- 20 जून सक्षम स्थापना दिवस- इस दिन अन्य संगठनों के साथ मिलकर कार्य करना।

तीसरा- रक्षाबंधन- inclusive कार्यक्रम मानना, इस दिन सरकारी अधिकारियों को भी रक्षाबंधन बद्ध कर सकते है।

चौथा- कार्निया मुक्त अन्धत्व भारत अभियान

पाचवें- अष्टावक्र जयंती 

6वा- विश्व विकलांगता दिवस

2 दिसंबर 1984 को भोपाल गैस कांड में 2.5 लाख बच्चे दिव्यांग हुए, इसलिए UNO ने इस दिन को विश्व विकलांग दिवस घोषित किया। RPWD एक्ट भी इसी दिन पारित हुआ।

2025 तक कुछ लक्ष्य घोषित किया गया है। क्यो इस वर्ष को ही लक्ष्य घोषित किया गया कोई बताएगा क्या?

संघ के शताब्दी वर्ष के कारण हैं, क्योंकि हम संघ से सम्बंधित है।

प्रान्त स्तर पर सभी आयामो में दायित्वाव हो,

जिले स्तर पर कम से कम 40% दिव्यांग हो

जिले स्तर पर कम से कम 10 लोगों की टीम हो, प्रयास करना है अपनी कार्यकारिणी पूर्ण हो जाये, जिला स्तर पर कम से कम विभाग स्तर पर एक दिव्यांग सेवा केन्द्र हो

विभाग से नीचे(जिले) की इकाई में एक संयोजक की नियुक्ति हो जाये। जहा जिला न हो या पूर्ण हो गई हो तो वहाँ तहसील स्तर पर संयोजक की नियुक्ति हो जाये

सबसे महत्वपूर्ण- सक्षम के कार्यकर्ता का स्वभाव कैसा हो?

    जिसको जो कार्य दिया गया है, उसे वह कार्य लग्न से करना चाहिए, बिना अन्य कार्य मे हस्तक्षेप किये। इसे कैसे करेंगे? इसके लिए सुनने की आदत डालनी चाहिए, अपना ईगो साइड में रखना चाहिए, छोटी-छोटी बातों पर ध्यान देना चाहिए जिससे लोगो का दिल जीत जा सके। अपने ही गलती पर मंथन करना चाहिए। कभी भी अपने दुःख के लिए दूसरे पर आरोप लगाने की बजाय आत्मविश्लेषण करना चाहिए। लोगो की गति के साथ चलने की आदत डालनी चाहिए। दिव्यांग लोगो को समझना और किस प्रकार से उनके साथ अच्छा तालमेल बिठा सके इसका ध्यान रखना चाहिए। 

देने का स्वभाव रखना चाहिए, न कि लेने का स्वभाव रखना चाहिए।

जो कुछ अच्छा है उसे देना है,

सामूहिक निर्णय का स्वभाव चाहिए, 

सबको साथ ले कर चलने का स्वभाव चाहिए

व्यवहार कुशलता(Common sense) से कार्य करना चाहिए

    इस पर एक कहानी सुनाता हूँ

     एक बहुत प्रसिद्ध ज्योतिषा चार्य थे उनके घर एक बच्चा होना था, उन्होंने बोला था कि जब बच्चा पैदा हो तो उसे तुरंत एक स्थान पर रख कर नीबू रखने की की थी,। बच्चा पैदा हुआ तो वैसा ही किया गया। तो ज्योतिषाचार्य ने बताया कि यह बच्चा अपने पिता की हत्या करेगा। इस बात को सुनकर पिता ने अपने घर को छोड़ दिया, और घर न आने की ठान ली क्योंकि वो अपने बेटे पर यह कलंक नही लगना चाहते थे। पिता घर छोड़ कर चले गए।

फिर बेटा बड़ा हुआ, और वो भी अपने पिता के पदचिन्हों पर चल कर ज्योतिषाचार्य हुआ। 

फिर राज्य में वर्षा को लेकर राजा ने घोषणा की कि जो ज्योतिषाचार्य वर्षा को लेकर सही जानकारी देगा उसे पुरस्कृत किया जायेगा और जो गलत जानकारी देगा उसे मृत्यु दंड दिया जायेगा। 

इसी प्रकार अपना common sense लगाने की जरूरत है।

ये जो सामाजिक और सेवा का कार्य मिला है उसे करना चाहिए।

दूसरा सत्र

कमलाकांत भाई साहब

यहाँ ज्यादातर लोग युवा है

सामान्य रूप से हम वार्षिक योजना बनाते हैं। योजना हम दैनिक, साप्ताहिक, पाक्षिक, मासिक, त्रैमासिक या वार्षिक योजना बनाते हैं।

वार्षिक योजना बनाते समय क्या क्या तय करना चाहिए?

दूसरा स्तर तय करना चाहिए- राष्ट्रीय, प्रान्त, विभाग, जिला, नगर, बस्ती स्तर पर। 

यह बैठक, बैठक नही है, बल्कि संगठनात्मक बैठक है।

हम हर तिथि, कार्यक्रम मना सकते हैं क्या? यह सम्भव नहीं है। कुछ विशेष कार्यक्रम को चिन्हित कर सकते हैं। 

कुछ कार्यक्रम प्रकोष्ठ आधारित मना सकते हैं।

जिला अधिवेशन, प्रान्त अधिवेशन और राष्ट्रीय अधिवेशन आयोजित करना है। इस वर्ष प्रान्त अधिवेशन करना है। दीपावली के बाद और दिसम्बर से पहले करना है। 

50,000 भागीदार के साथ प्रान्त अधिवेशन करना है, जिसमे दिव्यांग लोगों की उपस्थिति अच्छी होनी चाहिए।

इसके लिए हमे अच्छे कार्यकर्ता चाहिए, कार्यकर्ता होंगे तो धन भी मिल जायेगा। 

इसके लिए सूची, नगर/जिला का मानचित्र बनाए जो लोग सामाजिक कार्य(धन दे) कर सके।

राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में देश के सभी प्रान्त से 10 कार्यकर्ता आएंगे। उसके लिए आप लोगो को योजना बनानी है।

प्रकोष्ठ, आयाम आधारित योजना बनानी चाहिए। 

विषय- दिव्यांग सेवा केंद्र 

जिस प्रकार से मठ, मंदिर, कार्यालय विभिन्न कार्यों को करने के लिए होती हैं, उसी प्रकार से दिव्यांग सेवा केंद्र, दिव्यांग कार्यो के लिए धुरी है।


जिस प्रकार से सरकार के 40 क्षेत्रीय कार्यालय, दिव्यांग जनों के लिए है। उसी प्रकार से जिला दिव्यांग केंद्र स्थापित कर सकते हैं।

दिव्यांग सेवा केन्द्र का अर्थ कार्यकर्ता का घर। स्थान, व्यक्ति, समय। यह आपका छोटा सा कार्यालय होगा।

सब लोग आप लोगों(दिल्ली) को देख रहे हैं, राष्ट्रीय स्तर पर आप लोगो को प्रेरणा स्रोत बनना है

अग्रिम योजना के लिए विभाग के लोग निम्नलिखित कमरा में जाए

यमुना 114

पूर्वी-116

दक्षिणी- 

आर के पूरम विभाग - 11


तृतीय सत्र

तृतीय सत्र की शुरुआत चंद्रवीर भाई द्वारा, सक्षम गीत 'सक्षम भारत समर्थ भारत यह अभियान चलाना है।' के गायन से शुरू की गई।

चतुर्थ सत्र  

मनोज जी (वित्त विषय विद्द)

दिव्यांग मित्र योजना में राशि एकत्रित करते समय पैन नम्बर लेना है।

1999 तक राशि ले सकते हैं

2000₹ से अधिक के लिए चेक, ऑनलाइन, ही ले सकते हैं। पैन लेना अतिआवश्यक है।

ATG के तहत छूट मिलती हैं।

गुप्त दान में भी नाम, मोबाईल No, ईमेल जरूर लेना है। बिना मोबाइल, ईमेल के गुप्त दान भी नहीं लेना है। 

पंचम सत्र--  प्रशिक्षण एवं कार्यकर्ता सत्र 

देवेंद्र जी संगठन मंत्री

किसी विभाग/जिले ने प्रशिक्षण की कोई योजना बनाई है क्या?

खेमचंद भाई (झंडेवाला) विभाग ने बनाया हुआ है

कितने ऐसे कार्यकर्ता है जिन्हें 21 प्रकार की दिव्यांगता की जानकारी है?

कितने ऐसे कार्यकर्ता है जिन्हें सक्षम के बारे में बताना हो तो बता सकता है?

आयामो को भी प्रशिक्षण की आवश्यकता है

किसी आयाम प्रमुख ने किसी प्रशिक्षण की योजना बनाई है क्या??

महिला आयाम ने 'स्वास्थ्य माता स्वास्थ्य शिशु' प्रशिक्षण कराया था।

हम सभी कार्यकर्त कम या अधिक सभी लोग कार्य करते हैं।

दिव्यांगता का क्षेत्र सेवा में भी सेवा का भाव है।

छटा सत्र

दयाल सिंह पंवार जी

सभी दायित्वाव वास्तव में कार्यकर्ता ही है। इसलिए कार्यकताओं को अपने दायित्व को हमेशा याद रखना होगा।

कार्यकर्ता ही सबसे बड़ी कड़ी होती हैं। कार्यकर्ता को ऊर्जा के साथ अनवरत कार्य करते रहना चाहिए।

सामाजिक जीवन मे कार्य करते हुए निराश नहीं होना चाहिए।

NEC की बैठक में आप सभी कार्यकर्ताओं को अलग अलग जिम्मेदारी के साथ कार्य करना होगा।