🚩सक्षम भारत- समर्थ भारत🚩
दिनांक 06 अगस्त 2023 को आर. के. पुरम विभाग और दक्षिणी विभाग द्वारा प्रशिक्षण वर्ग का आयोजन पी. जी. डी. ए. वी. (सांध्य) महाविद्यालय में किया गया। इस प्रशिक्षण वर्ग को चार सत्रो मै आयोजित किया गया।
इस प्रशिक्षण का संचालन नीलम जी (महिला प्रमुख,आर. के. पुरम विभाग) और डॉ प्रतिमा जी(सह-सचिव दक्षिणी विभाग) ने किया।
इस प्रशिक्षण वर्ग मै कुल 48 कार्यकर्ताओं ने प्रशिक्षण लिया। जिसमे 16 दिव्यांग कार्यकर्त्ता और 31 महिलाए और 17 पुरुष थे।
प्रथम सत्र, का आरंभ दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। इस सत्र मै श्री विजय शुक्ला जी द्वारा संगठन मंत्र परिकल्पना एवं दृष्टिकोण प्रस्तुत किया गया।
प्रो. आर. के. गुप्ता जी ( प्राचार्य पी.जी.डी.ए.वी महाविद्यालय सांध्य) के ने अपने सुविचारों के द्वारा कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई, उन्होंने कहा कि सात्विक प्रवृत्ति के लोग जब एक जगह एकत्रित होते हैं तो वहाँ का वातावरण भी सात्विक हो जाता है।
श्री दिनेश सारस्वत जी (अध्यक्ष, दक्षिण विभाग) जी ने मंच से लोगों को जोड़ने, दिव्यांगता के कल्याण हेतु समाज के में सभी को प्रेरित करने की बात का मंत्र दिया, उन्होंने कहा कि दिव्यांगों को मुख्यधारा से जोड़कर राष्ट्रनिर्माण में योगदान दिया जा सकता है।
डॉ. विपिन कुमार (उपाध्यक्ष, दक्षिणी विभाग) ने दृढ़ आत्मविश्वास एवं प्रेरक प्रसंगों से कार्यकर्ताओं एवं प्रशिक्षण में आए सभी मान्यवरों में ऊर्जा का संचार किया, उनके अनुसार दृढ़ आत्मविश्वास तथा हिम्मत सक्षमता की सबसे बड़ी उपलब्धि है।
डॉ मीनू कश्यप (उपाध्यक्ष, दिल्ली प्रांत) जी द्वारा सक्षम का संक्षिप्त परिचय एवं सक्षम की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि का परिचय दिया गया।
डॉ संदीप सक्सेना (सह-सचिव, दिल्ली प्रांत) जी ने आगामी राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक की ओर सभी का ध्यान केंद्रित किया। आगामी राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक में कार्यकर्ताओं की भूमिका, उनकी जिम्मेदारियां एवं उनके कर्तव्य की चर्चा की। इस राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक को सफल एवं विस्मरणीय बना सकते हैं मंथन किया।
श्री रामदास शिवहरे (वरिष्ठ कार्यकर्ता) जी ने आरपीडब्लूडी एक्ट 2016 का सारगर्भित परिचय दिया। विभिन्न बिंदुओं एवं पहलुओं पर चर्चा करते हुए, दिव्यांगों के अधिकारों और कर्तव्यों की ओर कार्यकर्ताओं का ध्यान आकर्षित किया।
द्वितीय सत्र का आरंभ श्री विजय शुक्ला जी द्वारा मंत्रोच्चारण, संगठन मंत्र प्रस्तुत किया गया। इस सत्र मै संगठन मंत्र, परिकल्पना एवम दृष्टिकोण और सक्षम गीत का कार्यकर्ताओं को अभ्यास कराया गया।
श्री देवेन्द्र जी ( सगठन मंत्री, दिल्ली प्रांत) ने सक्षम गीत के महत्त्व एवं शुद्ध उच्चारण के महत्त्व को, सक्षम गीत को गाकर कार्यक्रम की शोभा एवं ऊर्जा संचार किया।
तृतीय सत्र में श्री हरीश सोनी जी (सह-सचिव, दिल्ली प्रांत और पालक दक्षिणी विभाग) द्वारा सक्षम प्रकोष्ठ पर ध्यान केंद्रित किया गया। उन्होंने अपने वक्तव्य के द्वारा बताया कि सक्षम में सात प्रकोष्ठ है और वे सभी प्रकोष्ठ किस प्रकार दिवयांग कल्याण में कार्यरत हैं।
चतुर्थं सत्र मै डॉ गोपाल परिहार (उपाध्यक्ष, दिल्ली प्रांत) जी द्वारा सक्षम के पाँचों आयामों का सारगर्भित परिचय दिया।
श्री. कमलाकांत पांडेय जी (राष्ट्रीय महासचिव, सक्षम) ने संघ, सक्षम और कार्यकर्ताओं के गुण एवं व्यवहार पर विस्तृत चर्चा हुई, उन्होंने विभिन्न बिंदुओं एवं उद्धरणों के द्वारा अपने वक्तव्य को प्रस्तुत किया:- किसी भी संघ को या संगठन को सुचारू रूप से चलाने के लिए कार्यकर्ताओं का होना अति आवश्यक है।, कार्यकर्ता सभी समुदाय एवं आयुवर्ग के होने चाहिए।
निरंतर संपर्क एवं क्षमताओं पर ध्यान देना कार्यकर्ताओं के लिए अति आवश्यक है।
प्रशिक्षण एवं दायित्व सुचारू निर्वाहन द्वारा ही संघ एवं संगठन को आगे बढ़ाया जा सकता है। उद्देश्य का दस्तावेजीकरण दूरगामी दृष्टि के लिए अति आवश्यक है।
प्रशिक्षण वर्ग कार्यक्रम का धन्यवाद ज्ञापन डॉ. संतोष सिंह (सचिव, दक्षिणी विभाग) जी ने किया।
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