मैथेमेटिक्स और एप्लाइड मैथेमेटिक्स पर जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में तीन दिन का अंतर्राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस का आयोजन हुआ। यह कॉन्फ्रेंस 16 जून से 18 जून 2022 तक चला। यह मैथेमेटिक्स और एप्लाइड मैथेमेटिक्स का पांचवा अंतर्राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस था। यह कॉन्फ्रेंस 'भारतीय विज्ञान परिषद'( Vijnana Parishad of India) के गोल्डेन जुबली समारोह के उपलक्ष्य में किया गया। भारतीय विज्ञान परिषद(Vijnana Parishad of India), भारतीय विज्ञान परिषद एक मैथेमेटिक्स एप्पलीकेशन की सोसाइटी है, जो कई अंतर्राष्ट्रीय जर्नल्स और संस्थाओं के साथ मिलकर विज्ञान और गणित के क्षेत्र में शोध को बढ़ावा देने का कार्य करता है। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ कम्प्यूटेशनल एंड इंटेग्रेटेड साइंस में हुए इस अंतर्राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस का विषय "इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी में अनुप्रयोगों के साथ गणितीय विज्ञान में हालिया प्रगति" (Recent Advances in Mathematical Sciences with Applications in Engineering and Technology)" था। इस कॉन्फ्रेंस में कुल 11 थीम पर शोध पेपर्स प्रेजेंट किये गए।
95 प्रतिशत न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर से ग्रसित डॉ अक्षांश गुप्ता, न्यूरोइमेजिंग में मशीन लर्निंग के बॉयोलोजिकल सिस्टम एप्पलीकेशन(Mathematical Modelling of Biomechanics with Reference to Biological Systems Application of Machine Learning in Neuroimaging) थीम पर आधारित सेशन की अध्यक्षता किये। इस सेशन में कुल 30 शोध पेपर प्रेजेंट किए। डॉ अक्षांश CSIR-CEERI में इंटेलिजेंस सिस्टम के साइंटिस्ट हैं। डॉ अक्षांश जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के कंप्यूटेशनल एंड इंटेग्रेटेड साइंस से पीएचडी और पोस्ट डॉक्ट्रेट है। इन्हें कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय साइंटिस्ट पुरस्कार मिल चुका है। डॉ गुप्ता ने समापन समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि अगर व्यक्ति के अंदर कुछ करने का जज़्बा हो और शांत मन से अपने लक्ष्य के लिए कार्य किया जाए तो कोई बाधा रुकावट नही बन सकती है। उन्होंने अपने अनुभव को साझा करते हुए प्रतिभागियों को प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि सक्षम, बहुत अच्छा कार्य कर रहा है, उन्होंने सक्षम के पदाधिकारियों को कई सुझाव भी दिए। उन्होंने कहा कि साइंस के क्षेत्र में दिव्यांग लोगो को लाने की जरूरत हैं। हालांकि साइंस के क्षेत्र में लैब में कार्य करने में दिव्यांगों को चुनौतियों का सामना करना पड़ता हैं। उन्होंने अपने बहुत से अनुभव को साझा किए। इस कॉन्फ्रेंस के मुख्य संयोजक लेफ्टिनेंट डॉ गजेंद्र प्रताप सिंह और सक्षम ने डॉ अक्षांश गुप्ता जी को *भारत का स्टीफन हॉकिंग* कहा है।
लेफ्टिनेंट डॉ गजेंद्र प्रताप सिंह इस कांफ्रेंस के मुख्य संयोजक थे। डॉ सिंह एक प्रतिष्ठित स्कॉलर और प्रोफेसर हैं। ये जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ कंप्यूटेशनल एंड इंटेग्रेटेड साइंस में प्रोफेसर हैं। डॉ सिंह का शोध(Research) और अध्ययन व्यापक सामाजिक हित को ध्यान में रखकर होता हैं। डॉ सिंह एक स्कॉलर के साथ साथ एक अच्छे सामाजिक कार्यकर्ता भी है।
सक्षम के कार्यकर्ता और अधिकारी भी इस कांफ्रेंस में भागीदारी किये। सक्षम वसंत विहार जिले के सचिव श्रीमान प्रदीप मौर्य जी ने बताया कि इस कार्यक्रम में तीन यंग साइंटिस्ट अवार्ड भी प्रदान किया गया। उनके अनुसार यह कार्यक्रम दिव्यांग सुगम्य उपकरण विकसित करने, दिव्यांग उपयोगी तकनीक विकसित करने और उद्योग जगत में प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोग के लिए बहुत उपयोगी था। मौर्य के अनुसार इस कार्यक्रम 11वॉ, थीम न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर से प्रभावित दिव्यांग व्यक्तियों के लिए भविष्य में नई तकनीक और प्रौद्योगिकी के खोज के संदर्भ में थी।
प्रदीप मौर्य जी जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के सेंटर फॉर स्टडी इन साइंस पॉलिसी से पीएचडी कर रहे हैं। उनका कहना है कि, हालांकि सक्षम का एक बौद्धिक टीम हैं जिसमें डॉक्टर, साइंटिस्ट, और इंजीनियर है, फिर भी सक्षम ऐसे असाधारण प्रतिभा के धनी व्यक्तियो के साथ मिलकर और बेहतर कार्य करने की योजना बना रहा है।
सक्षम इंद्रप्रस्थ राष्ट्रीय स्तर का एक संगठन है। यह संस्था समाज के उस वर्ग के लिए कार्य करती है जो समाज में सबसे ज्यादा शोषित, वंचित और हासिये पर है। यह दिव्यांगों के उत्थान और सशक्तिकरण के लिए समर्पित संस्था है। सक्षम विभिन्न माध्यमों से दिव्यांगों की सहायता करता हैं। सक्षम, दूसरे प्रदेशों से आ कर अध्ययन करने वाले दिव्यांग छात्रों के निवास के लिए छात्रावास की सुविधा प्रदान करता है, जरूरत मंद दिव्यांगों को सहायक उपकरण प्रदान करता है, लेखन सहायक (Scriber) प्रदान करता है, विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए प्रवेश संबंधित सहायता(Admission Assistant) प्रदान करता है, ऑनलाइन सुविधाओं के लिए दिव्यांग सेवा केन्द्र संचालित करता है, जहां पर दिव्यांग सभी प्रकार के ऑनलाइन सुविधाएं प्राप्त कर सकते है। सक्षम, 'समदृष्टि क्षमता विकास एवं अनुसंधान मंडल' शब्द का संक्षिप्त रूप है। अनुसंधान/शोध(Research) शब्द सक्षम के उच्चस्तरीय तकनीक, इंजीनियरिंग, और प्रौद्योगिकी को इंगित करता है। अनुसंधान(research) को प्रोत्साहित करने के लिए सक्षम की एक बौद्धिक टीम भी है। जिसमें डॉक्टर, मेडिकल साइंटिस्ट, इंजीनियर, टेक्नोक्रेट्स, लोकनीति विशेषज्ञ, विज्ञाननीति विशेषज्ञ, शामिल हैं। मेडिकल साइंस में होने वाले बदलाओ पर शोध और चर्चा के लिए प्रतिमाह सेमिनार आयोजित किया जाता हैं और शोध के लिए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस आयोजित किये जाते रहते है।
सादर
प्रदीप मोर्य
जिला सचिव, सक्षम