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संत सूरदास जयन्ती- 2023
सक्षम इन्द्रप्रस्थ, महरौली जिला, आर. के. पुरम विभाग द्वारा संत सूरदास जयंती का आयोजन अक्षय प्रतिष्ठान, डी-तृतीय, वसंत कुंज, नई दिल्ली, में दिनांक 30 अप्रैल 2023 को सुबह में 10 से दोपहर 12 बजे तक किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में आदरणीय प्रो. दयाल पवार, एल. बी. एस., विश्वविधालय, राष्ट्रीय संरक्षक, सक्षम; विशिष्ट अतिथि के रूप में श्रीमती संगीता डालमिया, सचिव, अक्षय प्रतिष्ठान, तथा मुख्य वक्ता के रूप में प्रो. संजीव कुमार, दिल्ली विश्वविद्यालय, प्रान्त दृष्टि प्रकोष्ट, सक्षम को आमंत्रित किया गया।
कार्यक्रम की शुरुवात आदरणीय अतिथियों के द्वारा सरस्वती वंदना और दीप प्रजोलन के साथ हुई। सक्षम का दृष्टिकोण एवं परिकल्पना का पाठ श्रीमती नीलम जी ने किया। इसके पश्च्यात युवा प्रमुख श्री सुदर्शन जी ने सक्षम की प्रस्तावना और परिचय सभी को दिया और सक्षम के विभिन्न प्रकोष्ट, आयाम, CAMBA, दिव्यांग मित्र की योजना, निवेदिता छात्रावास इत्यादि कार्यकर्म के बारे में अवगत कराया।
कार्यकर्म के मुख्य वक्ता के रूप में प्रो. संजीव कुमार, प्रान्त दृष्टि प्रकोष्ठ ने सूरदास जी के जीवन, उनकी रचनाओं, काव्यत्व के बारे में महत्वपूर्ण घटनाओं और विचारों की प्रस्तुत किया। उन्होंने भगवान् बुद्धा का उल्लेख करते हुए बताया की, कोई व्यक्ति किसी के पथ के लिए सदैव मार्ग प्रशस्त नहीं कर सकता केवल आत्मज्ञान के प्रकाश से ही हम सत्य के मार्ग पर आगे बढ़ सकते हैं। सूरदास जी लाखों दृष्टि बाधितों के लिए एक प्रेरणा स्रोत हैं। उन्होने सभी को सूरदास जी के जीवन और उनके संघर्ष तथा उनकी हरी से भक्ति और प्रेम से सभी को अवगत कराया। उनके दोहों के माध्यम से उन्होंने संत सूरदास के प्रेम, त्याग और सम्मान की भावना को अपने जीवन में उतारने की बात कही। उन्होंने व्याख्यान के माध्यम से बताया की दिव्यांग भाई बहन लाचार नहीं अपितु दिव्य शक्ति से परिपूर्ण हैं । साथ ही उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला की, कैसे दिव्यांगता व्यक्ति के लिये और समाज के लिए बाधा नहीं, अपितु इसका अभिन्न अंग है जो राष्ट्र प्रेम और अपनी कर्तव्य के लिये हर समय प्रेरित करता है। उन्होने सक्षम द्वारा पुरी राष्ट्र में चलाए जा रही अभियान जो की दृष्टिबाधित जनों के लिए किया जा रहा है, उससे से भी परिचित कराया। ये बात कार्यक्रम में उपस्थित सभी कार्यकर्ताओं को प्रेरित किया।
विशिष्ट अतिथि के रूप में श्रीमती संगीता डालमिया जी ने सक्षम के कार्यकर्म की सराहना की। उन्होंने अक्षय प्रतिष्टान के दिव्यांगता के क्षेत्र में कार्यक्रमों से भी अवगत कराया।
आदरणीय प्रो. दयाल पवार, एल. बी. एस., विश्वविधालय, राष्ट्रीय संरक्षक, सक्षम ने अपने मधुर और बोद्धिक वाणी से सभी कार्यकर्ताओं और अतिथिगन को सेवा भावना से ओत-प्रोत किया। वे श्री लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय में एसोसिएट प्रोफेसर के रूम में व्याकरण विभाग में कार्यरत है। आदरणीय दयाल पवार जी सक्षम के राष्ट्रीय संरक्षक हैं, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के तहत सलाहकार समिति के सदस्य हैं, NIEPVD देहरादून, भारत सरकार के कार्यकारी परिषद् के सदस्य हैं। वे हिंदी और संस्कृत भाषाओँ के कवि हैं, तथा विभिन्न गतिविधियों में सौ से अधिक पुरस्कार प्राप्त किये।
उन्होंने संत सूरदास जयंती के आयोजन का महत्त्व बताते हुए, कहा की कैसे भक्ति के माध्यम से हम अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकते है। संत सूरदास दृष्टिबाधित होने के बावजूद अपना अटल स्थान हिंदी साहित्य में बना पाए, यह अपने आप में एक महतवपूर्ण घटना है। उनके समय की तुलना में, आज के समय में कई साधन, तकनीक मौजूद हैं, और हमें इसका लाभ उठा कर अपने लक्ष्य की प्राप्ति करनी चाहिए। उन्होंने सक्षम इन्द्रप्रस्थ संस्थान के उद्देश्य को बताते हुए बताया की कैसे यह संस्था राष्ट्रीय, प्रान्त, विभाग, जिला, नगर और बस्ती स्तर तक पहुच कर समाज और सरकार के बीच पुल का काम करता है। इसके अलावे कैसे अन्य संस्थाओं के साथ जुड़ कर उनके कामों में मदद और विस्तार का भी प्रयास करते है। उन्होंने संगठन की शक्ति पर जोर दिया, और कहा की कैसे संघटित होकर भगवान् राम ने रावणों की बड़ी सेना को हराया और इसीलिए हमें संगठन की शक्ति और निष्ठा पर जोर देना चाहिए। सिर्फ सक्षम ही नहीं, बल्कि जो भी व्यक्ति जिस भी संस्था से जुड़े हुए हैं उनका सम्मान करें। उन्होंने दैनिक जीवन में अनुशासन और कर्त्व्यनिष्टता के महत्व को बताया और जोर दिया की कैसे हम इन् आदर्शों को मान कर स्वामी विवेकानंद, सुभाष चन्द्र बोस, और भगवान् राम जैसा बन सकते है। महान कार्य करने के लिए उच्च और धनी परिवार में जन्म लेना जरुरी नहीं हैं बल्कि इन् महापुरुषों के आदर्श को मान कर हम अपने जीवन में सिर्फ अपने लिए ही नहीं, परुन्तु इस समाज और विश्व के लिए योगदान दे सकते हैं।
कार्यकर्म में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यकर्म, योग अभ्यास, विचारों का आदान प्रदान किया गया। तथा अंत में नाश्ता और चाय का आयोजन सभी अतिथियों और दिव्यांगजनों के लिए किया गया।
हमारे कार्यकर्ता श्री दिव्यांश जी ने अपने संगीत के कार्यकर्म से सभी का मनोरंजन किया। श्रीमती पूजा जी ने योग का अभ्यास सभी दिव्यांजन को करवाया और यह प्रयास ख़ास कर बच्चों को काफी पसंद आया।
इस अवसर पर सक्षम इंद्रप्रस्थ प्रान्त उपाध्यक्ष और विभाग पालक श्री गोपाल परिहार जी, आ.र.के पूरम विभाग के विभाग सचिव श्रीमान हैरी जी, विभाग उपाध्यक्ष तथा क्रीडा प्रमुख श्री मनोज जी, विभाग युवा प्रमुख श्री सुदर्शन जी, वसंत जिले के सचिव श्री प्रदीप जी, महिला प्रमुख श्रीमती नीलम जी, वरिष्ठ कार्यकर्ता श्री महिंदर जी, श्री शुभदीप जी, श्रीमती प्रियंका जी, श्रीमती पूजा जी, पूजा जी, श्री सुभाष जी, श्री शुभम नौटियाल जी, श्री राहुल जी, अन्य कार्यकर्ता तथा NAB, Progressive Trust for Blind students, Mehrauli के दृष्टिबाधित छात्र उपस्थित रहे।
कुल संख्या : 62
महिला : 14
पुरुष : 48
दिव्यांग बंधुओं की संख्या : 36
दिव्यांग महिला की संख्या : 2