Saturday, November 26, 2022

दिव्यांग अधिवेशन

 दिव्यांगों के लिए समर्पित राष्ट्रीय स्वैच्छिक संगठन "समदृष्टि क्षमता विकास एवं अनुसंधान मंडल" (सक्षम) की दिल्ली इकाई *सक्षम इन्द्रप्रस्थ* के तत्वावधान में आर के पुरम विभाग द्वारा, त्यागी चौपाल, त्यागी मोहल्ला छतरपुर दिल्ली- 67, में *दिव्यांग अधिवेशन'* का आयोजन 26 नवम्बर 2022 को किया गया। अधिवेशन में कुल 150 लोगो की सहभागिता रही। जिनमे लगभग 50 दिव्यांग और 40 महिलाए थी। कार्यक्रम का श्रीगणेश दीपप्रज्ज्वलन एवं मंगलाचरण से किया गया। 

अधिवेशन के चार प्रमुख भाग थे। 

*प्रथम चरण* में सक्षम परिचय सत्र जिसमें विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ गजेन्द्र प्रताप सिंह जी द्वारा सक्षम की गतिविधियों को पीपीटी के माध्यम से सविस्तार प्रस्तुत किया गया।

*द्वितीय चरण* में दिव्यांग उत्थान के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले विशेषज्ञों द्वारा दिये गए व्याख्यान रहे जिनमें, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के डॉ अविजित द्वारा 'दिव्यांगता पुनर्वास में सहायक उत्पादों की आवश्यकता एवं भूमिका: सक्रियात्मक संवाद' एवं जेएनयू के खेल विशेषज्ञ डॉ राकेश कुमार जी द्वारा 'शारीरिक गतिविधियों के माध्यम से  दिव्यांग के जीवन के दृष्टिकोण में परिवर्तन' प्रमुख हैं। इसी सत्र में विभाग के गैर-सरकारी संस्थाओं एवं दिव्यांग खिलाडियों का सम्मान किया गया।

*तृतीय चरण* में सांस्कृतिक कार्यक्रम और नुक्कड़ नाटक जो कि रक्तदान एवं दृष्टिबाधित दिव्यांग द्वारा कैसे शिक्षा अर्जित की जाती है के कथानक पर रहा तथा 

*चतुर्थ चरण* में दिव्यांग-शोभायात्रा सत्र का आयोजन किया गया जिसमें सभी ने बढ़चढ़ कर भाग लिया। इस शोभा-यात्रा अधिक जागरूक बनाने के लिए ध्वनि प्रसारक यंत्रों एवं सामाजिक जागरूकता को बढ़ावा देने वाले स्लोगन एवं नारों का उपयोग किया गया। शोभा-यात्रा के लिए समाज के मध्य स्थित सघन-आबादी वाले स्थान का चुनाव होने के कारण बड़ी संख्या में लोग अपने-अपने घरों से बाहर गली में, छतों पर एवं बालकनी में देखने आये। 150 से अधिक लोगों ने शोभा-यात्रा निकाल कर समाज को दिव्यांगों के प्रति संवेदनशील और जागरूक किया। इस शोभायात्रा द्वारा समाज के लोगों को रक्तदान, नेत्रदान और देहदान के प्रति जागरूक किया गया।


प्रथम सत्र में स्थानीय प्रधान सुरेंद्र सोलंकी जी ने सक्षम के महत्व को सरल शब्दों में बताया। सक्षम के प्रांत उपाध्यक्ष प्रोफेसर गोपाल राम परिहार जी ने 'सभी सुखी हो, सब सक्षम हो' और 'आवाज दो हम एक है', गीतों के माध्यम से सक्षम द्वारा संचालित कला-आयाम के कलात्मक और रचनात्मक गतिविधियों के बारे मे बताया। आर के पुरम विभागाध्यक्ष गजेंद्र प्रताप सिंह जी ने विभाग द्वारा संचालित गतिविधियों, योजनाओं और कार्यक्रमो के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि सक्षम के 7 आयाम है - महिला, क्रीड़ा, कला, रोजगार एवं स्वरोजगार, एडवोकेसी, सक्षम युवा, सक्षम मातृशक्ति, और सक्षम प्रचार। सक्षम के 7 प्रकोष्ठ है- दृष्टि, प्रणव, धीमहि, प्राणदा, सविता, और चरैवेति। सक्षम इन आयामो और प्रकोष्ठों के माध्यम से दिव्यांग सशक्तिकरण और उत्थान के समग्र विकास के लिए कार्यरत हैं। सक्षम का उद्देश्य बताते हुए उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास है कि देश के, विश्व के सभी दिव्यांगों को सक्षम बनाते हुए उन्हें शिक्षा, रोजगार के सभी संसाधन उपलब्ध करवाना, जो एक सामान्य जन को को भी उपलब्ध हैं।  सक्षम के अखिल भारतीय सह सचिव श्री अभय गुप्ता परगल जी ने बताया कि प्रत्येक व्यक्ति में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से दिव्यांगता विद्यमान हैं। उन्होंने उदाहरण दे कर बताया कि एक कारखाने में एक दिव्यांग व्यक्ति पैकिंग का कार्य करके प्रतिदिन का ₹250 कमाता हैं, महीने 7500₹ कमाता है। इस आय से वह अपना और अपने घर - परिवार की आसानी से आजीविका चला सकता है, जबकि एक ऐसा व्यक्ति जिसे पैकिंग करने नहीं आती है  तो शारिरिक रूप से फिट होने के बाद भी तो वह अक्षम (दिव्यांग) ही हुआ न?  इस प्रकार उन्होंने दिव्यांगों के विशेष गुणों की पहचान और उन्हें को सशक्त बनाने पर जोर दिया। उन्होंने जम्मू कश्मीर के साम्बा जिले में सक्षम द्वारा आयोजित दिव्यांग अधिवेशन की एक प्रेरणादायी घटना का भी वर्णन किया। उन्होंने बताया कि जब सक्षम के कार्यकर्त्ता  दिव्यांग अधिवेशन में आमंत्रित करने के लिए एक घर में गये और उस घर की दिव्यांग महिला को अधिवेशन में आने का निमंत्रण दिया तो वह रोने लगी, जब उससे उसके रोने का कारण पूछा गया तो उसने बताया कि यह उसके जीवन मे पहली बार हो रहा है जब किसी दिव्यांग महिला को किसी आयोजन में आमंत्रित किया जा रहा है। सेवानिवृत्त वायु कोमोडोर बालकृष्ण गाँधी जी ने अपने वक्तव्य में सक्षम की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह संस्था बहुत अच्छा कार्य कर रही है। हमारे समाज के लिए कई अर्थों  में समानता लाने के उद्देश्य से कार्य कर रही है। दिव्यांगों के विकास एवं उन्नति के लिए सदैव तत्परता के साथ कार्य करती है। अपने वक्तव्य में एक श्लोक का गान करते हुए सदैव कार्य करने के लिए जागृति फैलाई तथा सक्षम के साथ जूड़ने व कार्य करने के लिए लोगों को प्रोत्साहित किया।

सक्षम के द्वारा दिव्यांग सशक्तिकरण और उत्थान के क्षेत्र में कार्यरत गैर-सरकारी संस्थाओं और लोगो को उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए सम्मानित किया गया। जेएनयू के खेल-कूद डायरेक्टर राकेश जी को दिव्यांग छात्रों के बेहतर प्रशिक्षण के लिए सम्मानित किया गया। आसिस्टिव टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए इंडियन स्पाइनल इंज्यूरी सेंटर के डॉ नेकराम जी को सम्मानित किया गया। आसिस्टिव तकनीक पर शोध के लिए नेशनल सेंटर फॉर आसिस्टिव हेल्थ टेक्नोलॉजी, आईसीएमआर -aiims के डॉ अविजीत वंसल जी को सम्मानित किया गया।

CSIR-CEERI's पिलानी में वैज्ञानिक पद पर कार्यरत 95%  सेरेब्रल पाल्सी दिव्यांग डॉ अक्षांश गुप्ता ने बताया कि कैसे बाधाओं को पार करके भी सफलता प्राप्त की जा सकती है। उन्होंने सक्षम के कार्यकर्त्ताओं और युवाओं को लगन, समर्पण और ईमानदारी से किसी भी सफलता को प्राप्त किया जा सकता है का सन्देश दिया।

सक्षम इंद्रप्रस्थ के  सचिव श्री रमेश नेगी जी, संगठन मंत्री श्री देवेन्द्र जी का मार्गदर्शन तथा प्रांत के उपाध्यक्ष तथा विभाग पालक डॉ गोपाल परिहार जी, विभाग अध्यक्ष, डॉ गजेंद्र प्रताप सिंह जी, विभाग उपाध्यक्ष, डॉ मोहिंदर आर्य जी एवं डॉ मनोज राठी  के नेतृत्व में स्थानीय कार्यकर्त्ताओं, जिला टोली तथा विभाग टीम के अथक प्रयास से कार्यक्रम का सफल आयोजन हुआ। मेहरावली जिले के माननीय जिला संघ-चालक, श्री सुनील सोढ़ी जी एवं जिला प्रचारक, आदरणीय धर्मेन्द्र जी का सान्निध्य प्राप्त हुआ। सक्षम इन्द्रप्रस्थ के उपाध्यक्ष डॉ आमोद जी एवं तेलंगाना प्रान्त के सचिव श्री करुणाकर जी भी सान्निध्य प्राप्त हुआ।


*विशेष अनुभव*

दिव्यांग-अधिवेशन में विशेष अनुभव के रूप में नए स्थान और नए कार्यकर्त्ताओं का जुडाव और सहयोग रहा। स्थानीय समाज के विभिन्न समाजसेवी एवं समाज में प्रमुख स्थान रखने वाल गणमान्य व्यक्तियों का विशेष योगदान रहा। इसके अतिरिक्त विभाग के गैर-सरकारी संगठनों का भी उल्लेखनीय योगदान रहा। दिव्यांगो और महिलाओं की बढ़चढ़ कर भागीदारी की। शोभा-यात्रा स्थानीय लोगों के लिए एक विशेष आकर्षण का केन्द्र रहा। समाज के स्थानीय लोगों में अपने-अपने घरों से बाहर निकलर एवं झरोखों से शोभा-यात्रा का अवलोकन किया।


*नोट* : सुश्री रिम्पी ने अतिथियों के भाषण की सांकेतिक भाषा में व्याख्या की!


*अधिवेशन में सम्मिलित सदस्यों की संख्या:*


प्रांत - 5

विभाग - 25

जिला - 40

महिला - 40

दिव्यांग - 50


स्नेही

सचिव, रामाकृष्ण पुरम विभाग